Thursday, April 2, 2015

Shall RTI girl's quest to PM Modi result in India getting its official National Game ?



RTI Girl Aishwarya Parashar (13) quests PM for an official National Game of India : Matter sent to Ministry of Youth affairs and sports for required action.

Earlier, Aishwarya's RTI revealed that India has no official Game. Aishwarya wrote to then PM Manmohan Singh to declare a national game but her request was not duly attended at that time.

After power change from Congress to BJP n Narendra modi becoming PM,Aishwarya wrote to Narendra modi with the same request. this time PMO sent her request to Mission Directorate PYKKA Ministry of Youth affairs and sports which has further sent it to SP-4 division of Ministry of Youth affairs and sports, it being a policy decision.

Now this is to be seen if in regime of Narendra Modi, efforts of this class 9 student of Lucknow ( UP ) based City Montessori School shall result in India  getting its National Game or not ?

letters are attached.

युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के पास पंहुची भारत को राष्ट्रीय खेल दिलाने के लिए प्रयासरत 'आरटीआई गर्ल' की पीएमओ को भेजी चिट्ठी.




क्या उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सिटी मोंटेसरी स्कूल की नौवीं कक्षा की छात्रा और देश में 'आरटीआई गर्ल' के नाम से विख्यात 13 वर्षीय ऐश्वर्या पाराशर की कोशिशों से भारत को अपना राष्ट्रीय खेल मिलेगा और यदि मिलेगा तो आख़िर वह कौन सा खेल होगा जिसे भारत सरकार राष्ट्रीय खेल घोषित करेगी ?

ऐश्वर्या द्वारा राष्ट्रीय खेल घोषित करने के संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को भेजी चिट्ठी को पीएमओ द्वारा युवा कार्यक्रम  और खेल मंत्रालय के पास विचार करने और कार्रवाई करने के लिए भेजने के बाद यह मामला एक बार फिर से चर्चा में गया है.

दरअसल ऐश्वर्या ही वह लड़की है जिसके द्वारा सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत दायर की गई एक अर्जी से यह खुलासा हुआ था कि  भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर किसी खेल को राष्ट्रीय खेल घोषित ही नहीं किया है। इस आरटीआई खुलासे के बाद भारत सरकार ने अपनी वेबसाइट से राष्ट्रीय खेल के रूप में 'हॉकी' को दर्शाए जाने संबंधी विवरण को हटाना पड़ा था.

ऐश्वर्या ने तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर किसी एक खेल को भारत का राष्ट्रीय खेल घोषित करने का अनुरोध किया था। उस समय पीएमओ ने ऐश्वर्या के इस पत्र को ठंडे बस्ते में डाल दिया था.नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ऐश्वर्या  ने बीते जनवरी में एक बार फिर इस संबंध में पीएमओ को पत्र  लिखा था.

" आपके कार्यकाल में भारत की छवि दूसरे देशों में अच्छी बन रही है लेकिन यह दुखद है कि भारत अब भी एक राष्ट्रीय खेल विहीन देश है. इसलिए आपसे मेरी प्रार्थना है कि आप राष्ट्रीय खेल विहीन भारत के किसी एक खेल को राष्ट्रीय खेल घोषित करने की कृपा करें." प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रवादी रुख, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर उनके विचारों से प्रभावित और मोदी से आशान्वित  ऐश्वर्या ने नरेंद्र मोदी को संबोधित अपनी चिट्ठी में लिखा था.
अब युवा कार्यक्रम  और खेल मंत्रालय के मिशन निदेशालय - पायका के अवर सचिव ( आर जी के ए ) अरुण कुमार सिंह ने राष्ट्रीय खेल घोषित करने से संबंधित  ऐश्वर्या के पत्र को नीति-निर्धारण संबंधी कार्य होने के कारण अवर सचिव - एस पी-4 शिव प्रताप सिंह तोमर को यथापेक्षित कार्यवाही के लिए भेज दिया है.


हाल ही में कक्षा 9 में  प्रवेशित 13 वर्षीय इस बालिका का कहना है कि उसे नहीं पता कि भारत को राष्ट्रीय खेल दिलाने की उसकी मुहिम कामयाब होगी या नहीं पर  प्रधानमंत्री कार्यालय और युवा कार्यक्रम  और खेल मंत्रालय  द्वारा उसकी  चिट्ठी का  संज्ञान लिए जाने से वह इस संबंध में काफ़ी आशान्वित है.

ऐश्वर्या के पत्र और युवा कार्यक्रम  और खेल मंत्रालय  के पत्र की स्केंड प्रतियाँ मेल के साथ संलग्न हैं.


Sunday, March 29, 2015

‘गर्ल्स एजुकेशन को मिले बढ़ावा’ - आरटीआई गर्ल ऐश्वर्या पाराशर

http://epaper.navbharattimes.com/details/42260-14697-1.html

हौसले पंख हैं, उड़ना इनकी पहचान






राजाजीपुरम में रहने वाली 13 साल की ऐश्वर्या पाराशर को लोग आरटीआई गर्ल के नाम से जानते हैं। ऐश्वर्या ने साल 2012 में एक आरटीआई दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने महात्मा गांधी को पहली बार राष्ट्रपिता कब कहा गया, इसकी जानकारी मांगी थी। आश्चर्य की बात यह रही कि खुद सरकार को भी यह नहीं पता कि महात्मा गांधी को कब और क्यों राष्ट्रपिता की उपाधि दी गई। ऐश्वर्या इस समय गोमती नदी की सफाई अभियान के लिए सिग्नेचर कैम्पेन चला रही हैं। महिला दिवस के लिए ऐश्वर्या कहती हैं कि मैं चाहती हूं कि ग्रामीण इलाकों में लड़कियों की शिक्षा पर जोर दिया जाए।

Sunday, February 15, 2015

'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' आरंभ करने की मांग के कक्षा 8 की छात्रा के अभियान की शुरुआत : 1 लाख हस्ताक्षर कर समर्थन जुटाएगी 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर।














































Lucknow. 15-02-15. 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की जाँचें कराकर सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर लागू कराने की माँग के लिए आज दिनांक 15 फ़रवरी 2015 दिन रविवार को लखनऊ के हज़रतगंज मेन क्रॉसिंग / जीपीओ के पास स्थित महात्मा गाँधी पार्क में 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर के नेतृत्व में एक हस्ताक्षर अभियान का सुभारम्भ किया गया जिसमें बड़ी संख्या में नागरिकों ने  हिस्सेदारी कर ऐश्वर्या की मांगों का समर्थन किया.



इस मौके पर ऐश्वर्या ने  उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश  यादव और उत्तर प्रदेश के मुख्यसचिव अलोक रंजन को 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु कम से कम 9 स्थानों पर नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की जाँचें कराकर जाँच रिपोर्टों को तत्काल सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर उसे कड़ाई से लागू  कराने की माँग करते हुए एक ज्ञापन प्रेषित किया.

ऐश्वर्या ने  अपने ज्ञापन की प्रतिलिपि भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ,  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री  उमा भारती  और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह को भेजकर  'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को राज्य सरकार के साथ आरंभ करने एवं  योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु केंद्र सरकार के स्तर से उत्तर प्रदेश सरकार को आवश्यक संसाधन और सहयोग  उपलब्ध कराने संबंधी कार्यवाही सुनिश्चित करने की मांग की है.

लखनऊ के राजाजीपुरम की निवासी ऐश्वर्या पाराशर ने बताया वह  कक्षा 8 की छात्रा है. उसके  द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय  दायर एक आरटीआई पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा हाल ही में दिए गये जबाब से यह साफ हो रहा है  कि चाहें केंद्र की सरकार हो या प्रदेश की सरकार, किसी ने भी गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च नहीं किया है . उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह भी स्वीकारा है  कि उनके पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी नहीं है  और ये जानकारी लेने के लिए उसे  नगर विकास विभाग से संपर्क करने को कहा है .

 

ऐश्वर्या ने बताया कि हम जानते हैं कि गोमती उत्तर भारत मे बहने वाली एक नदी है. इसका उद्गम पीलीभीत जनपद के माधोटान्डा कसबे में होता है . माधोटान्डा पीलीभीत से लगभग 30 कि. मी. पूर्व में स्थित है. कसबे के मध्य से करीब 1 कि. मी. दक्षिण-पश्चिम में एक ताल है जिसे पन्गैली फुल्हर ताल या गोमत ताल कहते हैं, वही इस नदी का स्रोत्र है . इस ताल से यह नदी मात्र एक पतली धारा की तरह बहती है. इसके उपरान्त लगभग 20 कि. मी. के सफ़र के बाद इससे एक सहायक नदी गैहाई मिलती है. लगभग 100 कि. मी. के सफ़र के पश्चात यह लखीमपुर खीरी जनपद की मोहम्मदी खीरी तहसील पहुँचती है जहां इसमें सहायक नदियाँ जैसे सुखेता, छोहा तथा आंध्र छोहा मिलती हैं और इसके बाद यह एक पूर्ण नदी का रूप ले लेती है.  लखनऊ, लखीमपुर खेरी, सुल्तानपुर और जौनपुर शहर गोमती के किनारे पर स्थित हैं और इसके जलग्रहण क्षेत्र में स्थित 15 शहर में से सबसे प्रमुख हैं . नदी की लम्बाई उद्गम से लेकर गंगा में समावेश तक लगभग 900 कि. मी. (किलोमीटर) है. गोमती में प्रदूषण के प्रमुख स्रोत औद्योगिक कचरे और चीनी कारखानों और मद्यनिष्कर्षशालाओं से  प्रवाह और घरेलू कचरे और बस्तियों से निकले सीवेज़ और पानी  हैं. सई,कथिना,सरायन,छोहा, सुखेता आदि भी गोमती की सहायक नदियां हैं. गोमती में मिलने बाली ये नदियाँ भी प्रदूषित हैं.

ऐश्वर्या बताती है कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गयी सूचना से व्यथित होकर उसने  सोचा कि जब केंद्र की सरकार और प्रदेश की सरकार ने गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च नहीं किया है और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी ही नहीं है तो आखिर गोमती नदी की सफाई होगी कैसे ?

"मेरे मन में यह सबाल भी आया कि जब आए दिन अख़बारों में गोमती सफाई की खबरें छपती रहती हैं तो आख़िर ऐसा क्यों है कि इतने प्रयासों और रुपयों के खर्चे के बाद भी स्थिति और भी बदतर होती जा रही है. जब मैने इस सब को अपने अध्यापकों,मित्रों और परिवारजनों से डिसकस किया तो मुझे यह समझ में आया कि इस तरह टुकड़ों में सफाई करने से संसाधन व्यर्थ जाते रहेंगे और जब तक कि गोमती की सफाई की  एक अलग कार्य-योजना बनाकर योजना को पीलीभीत से शुरू कर बनारस तक गोमती नदी पर और इसमें मिलने बाली सभी नदियों पर क्रियान्वित नहीं किया जाएगा तब तक गोमती साफ नहीं हो पाएगी. मुझे यह भी समझ में आया कि जब तक  एक अलग विशिष्ट कार्य योजना बनाकर इस योजना के अंतर्गत धन आवंटित कर कार्य नहीं किया जाएगा तब तक स्पष्ट जबाबदेही के अभाव में कोई भी परिणाम आने से रहा.  जब ऐसा होगा तभी  सफाई का असर दिखेगा और गोमती साफ हो सकेगी." ऐश्वर्या ने कहा.  

 

ऐश्वर्या ने कहा कि उसके  साथ साथ भारत के सजग नागरिकों ने आज से आरम्भ  इस हस्ताक्षर अभियान का समर्थन करते हुए गोमती नदी की पूर्ण  सफाई के संकल्प के साथ इस अभियान की शुरुआत की है और आशा व्यक्त की  कि गोमती नदी की पूर्ण सफाई के लिए केंद्र व राज्य की सरकारें उसकी  माँगों को अवश्य ही पूरा करेंगी और  प्रदेशवासियों को स्वच्छ पर्यावरण का उनका अधिकार अवश्य देंगे .

 

देश में ‘आरटीआई बाली लड़की’ के नाम से विख्यात ऐश्वर्या महज 8 साल की उम्र में अपनी आरटीआई से सिटी मॉन्टेसरी स्कूल राजाजीपुरम शाखा के सामने से कूड़ाघर हटवाकर पब्लिक लाइब्रेरी बनबा चुकी हैं. बापू नहीं ‘राष्ट्रपिता’ ,हॉकी नहीं ‘राष्ट्रीय खेल’, 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस), 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) और 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) नहीं ‘राष्ट्रीय अवकाश’ जैसे कड़वे सच अपनी बिभिन्न आरटीआई से देश के सामने उजागर करने बाली इस ‘आरटीआई गर्ल’ ऐश्वर्या ने  बताया कि आज अभियान के आरम्भ के बाद हम यह  ज्ञापन सम्बंधित अथॉरिटीज को भेज रहे हैं.ऐश्वर्या ने कहा कि गोमती सफाई के इस अभियान में उनका  लक्ष्य 1 लाख हस्ताक्षर कराकर समर्थन जुटाने का है जिसके पूरा होने पर वह इन सभी अथॉरिटीज से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनको अपनी मांगों से अवगत कराएंगी.