Sunday, February 15, 2015

'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' आरंभ करने की मांग के कक्षा 8 की छात्रा के अभियान की शुरुआत : 1 लाख हस्ताक्षर कर समर्थन जुटाएगी 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर।














































Lucknow. 15-02-15. 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की जाँचें कराकर सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर लागू कराने की माँग के लिए आज दिनांक 15 फ़रवरी 2015 दिन रविवार को लखनऊ के हज़रतगंज मेन क्रॉसिंग / जीपीओ के पास स्थित महात्मा गाँधी पार्क में 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर के नेतृत्व में एक हस्ताक्षर अभियान का सुभारम्भ किया गया जिसमें बड़ी संख्या में नागरिकों ने  हिस्सेदारी कर ऐश्वर्या की मांगों का समर्थन किया.



इस मौके पर ऐश्वर्या ने  उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश  यादव और उत्तर प्रदेश के मुख्यसचिव अलोक रंजन को 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु कम से कम 9 स्थानों पर नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की जाँचें कराकर जाँच रिपोर्टों को तत्काल सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर उसे कड़ाई से लागू  कराने की माँग करते हुए एक ज्ञापन प्रेषित किया.

ऐश्वर्या ने  अपने ज्ञापन की प्रतिलिपि भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ,  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री  उमा भारती  और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह को भेजकर  'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को राज्य सरकार के साथ आरंभ करने एवं  योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु केंद्र सरकार के स्तर से उत्तर प्रदेश सरकार को आवश्यक संसाधन और सहयोग  उपलब्ध कराने संबंधी कार्यवाही सुनिश्चित करने की मांग की है.

लखनऊ के राजाजीपुरम की निवासी ऐश्वर्या पाराशर ने बताया वह  कक्षा 8 की छात्रा है. उसके  द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय  दायर एक आरटीआई पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा हाल ही में दिए गये जबाब से यह साफ हो रहा है  कि चाहें केंद्र की सरकार हो या प्रदेश की सरकार, किसी ने भी गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च नहीं किया है . उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह भी स्वीकारा है  कि उनके पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी नहीं है  और ये जानकारी लेने के लिए उसे  नगर विकास विभाग से संपर्क करने को कहा है .

 

ऐश्वर्या ने बताया कि हम जानते हैं कि गोमती उत्तर भारत मे बहने वाली एक नदी है. इसका उद्गम पीलीभीत जनपद के माधोटान्डा कसबे में होता है . माधोटान्डा पीलीभीत से लगभग 30 कि. मी. पूर्व में स्थित है. कसबे के मध्य से करीब 1 कि. मी. दक्षिण-पश्चिम में एक ताल है जिसे पन्गैली फुल्हर ताल या गोमत ताल कहते हैं, वही इस नदी का स्रोत्र है . इस ताल से यह नदी मात्र एक पतली धारा की तरह बहती है. इसके उपरान्त लगभग 20 कि. मी. के सफ़र के बाद इससे एक सहायक नदी गैहाई मिलती है. लगभग 100 कि. मी. के सफ़र के पश्चात यह लखीमपुर खीरी जनपद की मोहम्मदी खीरी तहसील पहुँचती है जहां इसमें सहायक नदियाँ जैसे सुखेता, छोहा तथा आंध्र छोहा मिलती हैं और इसके बाद यह एक पूर्ण नदी का रूप ले लेती है.  लखनऊ, लखीमपुर खेरी, सुल्तानपुर और जौनपुर शहर गोमती के किनारे पर स्थित हैं और इसके जलग्रहण क्षेत्र में स्थित 15 शहर में से सबसे प्रमुख हैं . नदी की लम्बाई उद्गम से लेकर गंगा में समावेश तक लगभग 900 कि. मी. (किलोमीटर) है. गोमती में प्रदूषण के प्रमुख स्रोत औद्योगिक कचरे और चीनी कारखानों और मद्यनिष्कर्षशालाओं से  प्रवाह और घरेलू कचरे और बस्तियों से निकले सीवेज़ और पानी  हैं. सई,कथिना,सरायन,छोहा, सुखेता आदि भी गोमती की सहायक नदियां हैं. गोमती में मिलने बाली ये नदियाँ भी प्रदूषित हैं.

ऐश्वर्या बताती है कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गयी सूचना से व्यथित होकर उसने  सोचा कि जब केंद्र की सरकार और प्रदेश की सरकार ने गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च नहीं किया है और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी ही नहीं है तो आखिर गोमती नदी की सफाई होगी कैसे ?

"मेरे मन में यह सबाल भी आया कि जब आए दिन अख़बारों में गोमती सफाई की खबरें छपती रहती हैं तो आख़िर ऐसा क्यों है कि इतने प्रयासों और रुपयों के खर्चे के बाद भी स्थिति और भी बदतर होती जा रही है. जब मैने इस सब को अपने अध्यापकों,मित्रों और परिवारजनों से डिसकस किया तो मुझे यह समझ में आया कि इस तरह टुकड़ों में सफाई करने से संसाधन व्यर्थ जाते रहेंगे और जब तक कि गोमती की सफाई की  एक अलग कार्य-योजना बनाकर योजना को पीलीभीत से शुरू कर बनारस तक गोमती नदी पर और इसमें मिलने बाली सभी नदियों पर क्रियान्वित नहीं किया जाएगा तब तक गोमती साफ नहीं हो पाएगी. मुझे यह भी समझ में आया कि जब तक  एक अलग विशिष्ट कार्य योजना बनाकर इस योजना के अंतर्गत धन आवंटित कर कार्य नहीं किया जाएगा तब तक स्पष्ट जबाबदेही के अभाव में कोई भी परिणाम आने से रहा.  जब ऐसा होगा तभी  सफाई का असर दिखेगा और गोमती साफ हो सकेगी." ऐश्वर्या ने कहा.  

 

ऐश्वर्या ने कहा कि उसके  साथ साथ भारत के सजग नागरिकों ने आज से आरम्भ  इस हस्ताक्षर अभियान का समर्थन करते हुए गोमती नदी की पूर्ण  सफाई के संकल्प के साथ इस अभियान की शुरुआत की है और आशा व्यक्त की  कि गोमती नदी की पूर्ण सफाई के लिए केंद्र व राज्य की सरकारें उसकी  माँगों को अवश्य ही पूरा करेंगी और  प्रदेशवासियों को स्वच्छ पर्यावरण का उनका अधिकार अवश्य देंगे .

 

देश में ‘आरटीआई बाली लड़की’ के नाम से विख्यात ऐश्वर्या महज 8 साल की उम्र में अपनी आरटीआई से सिटी मॉन्टेसरी स्कूल राजाजीपुरम शाखा के सामने से कूड़ाघर हटवाकर पब्लिक लाइब्रेरी बनबा चुकी हैं. बापू नहीं ‘राष्ट्रपिता’ ,हॉकी नहीं ‘राष्ट्रीय खेल’, 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस), 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) और 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) नहीं ‘राष्ट्रीय अवकाश’ जैसे कड़वे सच अपनी बिभिन्न आरटीआई से देश के सामने उजागर करने बाली इस ‘आरटीआई गर्ल’ ऐश्वर्या ने  बताया कि आज अभियान के आरम्भ के बाद हम यह  ज्ञापन सम्बंधित अथॉरिटीज को भेज रहे हैं.ऐश्वर्या ने कहा कि गोमती सफाई के इस अभियान में उनका  लक्ष्य 1 लाख हस्ताक्षर कराकर समर्थन जुटाने का है जिसके पूरा होने पर वह इन सभी अथॉरिटीज से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनको अपनी मांगों से अवगत कराएंगी.

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